Earthing kya hai | अर्थिंग के प्रकार और earthing kese ki jati hai



Earthing kya hai | अर्थिंग क्या है | Earthing के प्रकार :- Hello dosto aaj main aapke liye bahut acchi jaankari lekar aaya hu jisse padne ke baad aap acche se samajh jayenge ki Earthing kya hai | what is earthing in hindi 

दोस्तो आपने सुना होगा की ये wire ground का है या ये wire earthing का है। और ज़्यादातर लोग ground और earthing को एक ही मानते है। लेकिन ऐसा नहीं है।

Earthing kya hai
Earthing kya hai


grounding और Earthing मे बहुत अंतर है। आज इस post मे हम grounding और earthing पर बात करेंगे और साथ ही साथ ये भी जानेंगे की इन्हे केसे इस्तेमाल किया जाता है, और Earthing kya hai


Grounding Kya hai

Grounding क्या है?

Transformer के न्यूट्रल को earth से connect करने को ग्राउण्डिंग कहाँ जाता है। जब 3 phase motor पर स्टार कनैक्शन किया जाता है। को star point पर zero current होना चाहिए लेकिन उस point पर कुछ करेंट होता है। जो मोटर के लिए हानिकारक होता है इसलिए इस current को zero करने के लिए न्यूट्रल से ग्राउंड करना जरुरी होता है। इसी को grounding कहते है।

Earthing Kya hai

Earthing क्या है?

अब हम बात करते हैं, की Earthing kya hai और Earthing ke prakar या कुछ लोग इस प्रकार पूछते है की अर्थिंग का मतलब क्या होता है, तो वो कुछ इस प्रकार है।

जब किसी मशीन या electrical उपकरण जिसमें से करंट प्रवाहित हो रहा हो उसमें short circuit होने पर उसकी body में आने वाले current को तार (Electrode) के द्वारा जमीन से जोड़ देते है ताकि वो करेंट जमीन मे आसानी से चला जाए तो इस क्रिया को Earthing कहते हैं।

Earthing kese kaam karti hai

Earthing केसे काम करती है?

Ground का Potential(resistance) सदैव शून्य लिया जाता है। जब कोई धातु की मशीन या अन्य Equipment को electrode के साथ जोड़ा जाता है, तो उसका Potential (resistance) भी शुन्य हो जाता है। इस तरह earthing की मदद से इलेक्ट्रिकल उपकरणो को सुरक्षा मिलती है। किसी भी उपकरण की अर्थिंग करने का सबसे पहला कारण होता है, कि Electric शॉक लगने से बचाव किया जा सके।

किसी उपकरण को छूने पर हमें करंट (शॉक) लग सकता है तो करंट से बचने के लिए हम उस उपकरण की अर्थिंग कर देते हैं। अब आपको समझ आ गया होगा की Earthing kya hai ( earthing in hindi )माना हमारे पास कोई मोटर है, और उस मोटर को हमने अर्थिंग नही कर रखा है। अगर मोटर में कोई फाल्ट होता है। जैसे मोटर की वाइंडिंग short हो जाना और उसका मोटर की बॉडी पर लग जाना। तो फाल्ट के समय करंट मोटर की बॉडी पर बहने लगेगा और अगर इसी समय किसी ने इस मोटर को गलती से छू लिया तो हमको काफी बड़ा इलेक्ट्रिकल शॉक लग सकता है। यदि उस मशीन को अर्थ किया गया है तो ground का Potential (resistance) शून्य होने के कारण उक्त मशीन का Potential (resistance) भी शून्य हो जाता है जिस कारण हमें इलेक्ट्रिक शॉक नहीं लगता और कोई मनुष्य को कोई हानि नहीं होती।

Advantages of earthing in Hindi

अर्थिंग के लाभ

जैसा कि हमने जाना earthing kya hai. अब यहां हम earthing से होने वाले लाभ के बारे मे जानेंगे अर्थिंग करने से हमें निम्न अर्थिंग के लाभ होते हैं।

  • जब हम किसी भी विद्युत उपकरणों का अर्थिंग (earthing) कर देते हैं तो उस उपकरण की बॉडी पर कोई current नहीं होता है लेकिन अगर किसी electrical fault के कारण current आ जाता है तो वो earthing के द्वारा जमीन मे चला जाता है जिसके कारण किसी को electric current का झटका नहीं लगता।
  • जब हम किसी भी विद्युत उपकरणों का अर्थिंग (earthing) कर देते हैं। तो उस उपकरण का Potential शुन्य हो जाता है। क्यू की ground का Potential सदैव शून्य लिया जाता है। जिससे बिजली का झटका लगने का कोई डर नहीं रहता है।
  • Earthing हमारे विद्युत उपकरणों और हमारी building को सुरक्षित रखता है, क्यू की किसी electrical fault के कारण हमारी पूरी building मे करेंट फैल सकता है।

अब आप सब लोग सोच रहे होंगे की earthing होने पर हमारी बॉडी को करेंट क्यू नहीं लगता।

तो चलिये बताते है।

Earthing me current kyu nahi lagta

Current बहुत आलसी होता है वो बहने के लिए कम resistance वाला रास्ता चुनता है।

लेकिन हमारी Human Body का resistance 1000 ohm से भी ज्यादा होता है। लेकिन हम जो earthing करते है उसका resistance 5 से 10 ohm रखते है। जिससे कम resistance होने के कारण current earthing के द्वारा जमीन मे चला जाता है। और body को झटका ya current nahi lagta. अब तक आपने पढ़ा Earthing kya hai चलिये अब हम जानते है की Earthing केसे करें

Earthing kese kare

अर्थिंग कैसे करें

Earthing करने के लिए जमीन में एक गड्ढा किया जाता है, जो लगभग 4 से 5 फीट तक का होना चाहिए उसमे copper की plate को गाड़ दिया जाता है, फिर copper plate से एक copper की मोटी wire को जोड़ दिया जाता है, kyu ki wire jitna mota hoga uska resistance कम होगा, और उस wire से घर के उपकरणो को जोड़ दिया जाता।
फिर गड्ढे में कोयला और नमक भी डाला जाता है, क्यू की कोयला नमी बनाए रखता है और नमक resistance कम करता है। earthing वाली जमीन मे नमी होनी चाहिए इसके लिए हमे उस जमीन को पानी देने की भी व्यवस्था करनी चाहिए। क्यू की जितनी जादा नमी होगी earthing उतनी ही अच्छी होगी।

Note:- Earthing ka resistance jitna kam hoga earthing utani hi acchi hogi

Types Of Earthing

अर्थिंग के प्रकार

हम जानेंगे की Earthing kitne prakar ki hoti hai. Earthing आपके द्वारा use किए जा रहे load के अनुसार की जाती है। जो निम्न प्रकार की होती है।

  • प्लेट अर्थिंग (Plate earthing in hindi)
  • पाइप अर्थिंग (Pipe earthing in hindi)
  • रॉड अर्थिंग (rod earthing in Hindi)
  • पत्ती अर्थिंग (strip earthing)

प्लेट अर्थिंग (Plate earthing in hindi):

प्लेट अर्थिंग क्या है:- plate earthing वह प्रयोग की जाती है जहां load अधिक होता है। एक 60cm x 60cm x 3.18mm कॉपर की प्लेट को कोयला और नमक और काली मिटटी जो अर्थिंग के लिये बहोत अच्छी मानी जाती है, के साथ धरती में 10 फीट नीचे दबा दिया जाता है. और यह प्लेट नमी वाली जगह में लगाई जाती है अगर नमी नहीं है तो हमको उसस जगह पानी का इंतजाम करना पड़ता है ताकि Earthing अच्छे से हो सके।

पाइप अर्थिंग (Pipe earthing in hindi):

पाइप अर्थिंग क्या है ( पाइप अर्थिंग इन हिंदी ):- इस प्रकार की अर्थिंग का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है।

इसमे एक 2 से 2.5 inch की pipe का प्रयोग किया जाता है जिसकी लंबाई लगभग 8 से 9 फुट होती है जिसे 3 मीटर गहरे गड्ढे में गाड़ा जाता है। पाइप का एक सिरा जमीन के बाहरी तरफ रखा जाता है, और गड्ढे में कोयला नमक और काली मिटटी इन तीनों को मिलाकर भर दिया जाता है इस pipe से copper wire या cable की मदद से उपकरणो को जोड़ दिया जाता है। इसमे जहा earthing की जाती है वह नमी के लिए इंतजाम करना पड़ता है। इसी को पाइप अर्थिंग कहते है।

रॉड अर्थिंग (rod earthing in Hindi):

रॉड अर्थिंग क्या है:- Rod अर्थिंग का प्रयोग बहुत कम मात्रा में किया जाता है। इस प्रकार की earthing में एक तांबे की रोड को धरती में बिना गड्ढा खोदे hammer (हथोड़े ) की सहायता से नमी वाले स्थान पर गाड़ दिया जाता है। और इसमे एक wire को जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार की earthing का प्रयोग बालू या रेत वाली जगह पर किया जाता है, क्यूँ की वहाँ गहराई जादा करनी पड़ती है।

पत्ती अर्थिंग (strip earthing):

पत्ती अर्थिंग क्या है:- Strip earthing उस जगह करते है जहाँ पर पथरीली जगह होती है। इसमें एक धातु की पत्ती को जमीन मे गाड़ दिया जाता है। तथा पत्ती से एक wire को जोड़ दिया जाता है।

Note: आपने कभी देखा होगा की कुछ लोग नल (hand pump) में Earth के लिए wire जोड़ देते है। क्यू की नल (hand pump) जमीन मे बहुत गहराई तक होता है। और नल (hand pump) वाले स्थान पर नमी हमेशा बनी रहती है।

इसमे हमको कुछ सावधानी बरतनी पड़ती है, जब भी हम नल (hand pump) मे earthing के लिए wire के ढीले (loose) रहने से पाइप और पानी में current आ सकता है और शॉक (shock) लग सकता है

Conclusion

दोस्तों आज post में आपने Earthing के बारे में पढ़ा । मैं आशा करता हूँ, आप लोगों को Earthing kya hai और कितने प्रकार की होती है। के बारे में समझ आ गया होगा। उम्मीद करता हूँ आपको ये पोस्ट जरूर अच्छी लगी होगी। अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ निचे दिए गए social media handle button से ज़रूर share करें । दोस्तों हमारे द्वारा दी गयी जानकारी में हमसे कोई भी कमी हुई हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में Earthing क्या है और कितने प्रकार की होती है। इस पोस्ट के बारे मे हमें कमेंट में जरूर बताए। की आपको ये दी गई जानकारी कैसी लगी धन्यवाद।

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