TRANSFORMER IN HINDI | What is TRANSFORMER | TRANSFORMER क्या है

TRANSFORMER IN HINDI | What is TRANSFORMER | TRANSFORMER क्या है। 
एक ट्रांसफार्मर को एक ऐसे उपकरण के रूप में परिभाषित किया गया है जो electromagnetic induction की प्रक्रिया के माध्यम से electrical energy को एक सर्किट से दूसरे में transfer करता है। इसका उपयोग सर्किट के बीच voltage के स्तर को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
TRANSFORMER IN HINDI | What is TRANSFORMER | TRANSFORMER क्या है।
What is Transformer


माइकल फैराडे ने 1831 मे Induction के सिद्धांत की खोज की और Wire और कॉइल के बीच Induction के साथ पहला प्रयोग किया।
ट्रांसफार्मर: उपयोग कोई Device 12 Volt पर चलती है तब ट्रांसफार्मर हमारे घर में आने वाली Electricity जिसका वोल्टेज 220 volt होता है उसे कम करके 12 volt कर देता है।

ट्रांसफार्मर का सिर्फ एक ही काम होता है बिजली को कम या फिर ज्यादा करना तो आज की इस पोस्ट में हम आपको What is transformer in hindi बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।

    Transformer का कार्य सिद्धांत (Principle of Transformer) 

     

    फैराडे के Electromagnetic induction के नियम के अनुसार, यदि Secondary winding का सर्किट बंद हो जाता है, तो इसके माध्यम से एक धारा प्रवाहित होगी। यह एक ट्रांसफार्मर का मूल कार्य सिद्धांत है। एक ट्रांसफार्मर जो Primary Winding से Secondary Winding के बीच वोल्टेज को बढ़ाता है, एक Step-up Transformer के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके विपरीत, एक ट्रांसफॉर्मर जो Primary Winding to Secondary Windin के बीच वोल्टेज को कम करता है, Step-down Transformer ट्रांसफार्मर के रूप में परिभाषित किया जाता है। जब Primary Winding में Current flow किया जाता है। तो उसके चारो तरफ एक मैगनेटिक फील्ड बन जाता है जिसको Electromotive Force कहते है। जब दूसरी Coil इस मैग्नेटिक फील्ड के अंदर आती है तो दूसरी Coil में Electrons बहने लगते हैं Magnetic field कहते है।


    ट्रांसफार्मर में Use होने वाले कुछ Basic Parts (Main Parts of Transformer)


    • कोर (Core)

    transformer Core
    Transformer Core
    यह ट्रांसफार्मर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। कोर कई आकृतियों और आकारों में आ सकते हैं। यह कोर का चुंबकीय गुण है Core के चारों ओर Winding लिपटी होती है।

    • कुण्डलन (Winding)

    तांबे का तार जो तारों के फेरे होते है उसे winding कहते है। ट्रांसफार्मर में दो winding होती है एक primary winding और दूसरी secondary winding ये सभी insulated layer से एक दुसरे से contact में रहती है। ठोस तांबे के तार का आमतौर पर उपयोग किया जाता है।

    Transformer Winding
    Transformer Winding

    • Conservator tank

    Conservator tank high power ट्रांसफार्मर में use होते है। ऐसे ट्रांसफार्मर गली मोहल्लो में ये आप ने जरूर देखे होंगें ये Conservator tank ट्रांसफार्मर में ऊपर की होते है। इसमें तेल ठंडा होता है।
    Transformer Conservator tank
    Transformer Conservator tank

    • ब्रीदर (Breather)

    यह ट्रांसफार्मर को साँस लेने के काम आता है। ट्रांसफार्मर के अंदर की हवा बाहर और बाहर की हवा अंदर Breather के thrue होती है। जब आयल  में घूमता है तो घूमने के लिए हवा की जरुरत होती है तो यही Breather हवा को बाहर निकालने और अंदर लेने में मदद करता है।
    Transformer Breather
    Transformer Breather

    • टैंक (Tank)

    Steel tank ट्रांसफार्मर का मैं पार्ट होता है core,या वाइंडिंग. सब कुछ इसी के अन्दर होता है oil में डूबा रहता यही आयल कोर या वाइंडिंग को ठंडा करता है।
    Transformer Tank
    Transformer Tank

    • कूलिंग ट्यूब (Cooling Tube)

    जिस तरह गाड़ियों में रेडिएटर होता है जो कूलेंट को ठंडा करता है उसी प्रकार ट्रांसफार्मर में Cooling तुबे होते है जो इसको ठंडा करते है हम इससे एक तरह से ट्रांसफॉर्मर का रेडियेटर भी बोल सकते है। 
    Transformer Cooling Tube
    Transformer Cooling Tube

    Transformer कितने प्रकार का होता है ?

    वोल्टेज के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार 

    वोल्टेज के आधार पर ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है


    1. Step-up transformer   2.  Step-down transformer
     
    स्टेप अप ट्रांसफार्मर और स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर जो वोल्टेज लेबल को घटाते या बढ़ाते है इन दोनों के बारे में इस page पर detail में समझते है।
    • Step-up transformer

    ऐसा Transformer जो की Voltage को बढाता है Primary windings से Secondary windings के बीच में उसे एक Step-up transformer कहा जाता है. इसमें Primary winding में wire के turn कम होते है और Secondary Winding में Wire के फेरे ज्यादा होते है।
     
    Step-up transformer

    Step-up transformer

    • Step-down transformer

    वहीं एक ऐसा Transformer जो की Voltage को घटाता है Primary Windings से Secondary Windings के बीच में उसे एक Step-down transformer कहा जाता है. इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है इसकी primary winding में wire पतला और wire के फेरे ज्यादा होते है और Secondary winding में wire के फेरों की सख्या कम होती है
    Step-down transformer
                     Step-down transformer

    Supply के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार

    फेज(Supply) के आधार पर ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते हैं

    1. सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर (Single phase transformer)
    2. थ्री फेज ट्रांसफॉर्मर  (Three phase transformer)
      सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर और थ्री फेज ट्रांसफॉर्मर  इन दोनों के बारे में इस page पर detail में समझते है। 
      • सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर (Single phase transformer)

      इन single-phase power supply की में single wire को circuit के साथ connect होना होता है. इस single phase का voltage होता है 220V.
      यह ट्रांसफार्मर सिंगल फेज की वोल्टेज को कम या ज्यादा करता है उसे सिंगल फेज ट्रांसफार्मर कहते हैं इसमें दो वाइंडिंग होती है प्राथमिक वाइंडिंग में सिंगल फेज विद्युत सप्लाई दी जाती है और द्वितीयक वाइंडिंग में सिंगल फेज विद्युत सप्लाई स्टेप डाउन या स्टेप अप के रूप में ली जाती है.
        
      • थ्री फेज ट्रांसफॉर्मर  (Three phase transformer)

      वहीँ three phase में 3-wires की जरुरत होती है. इन three phase की voltage होती है इसमें तीन primary winding तथा तीन Secondary winding होती है यह सेल या कोर टाइप के होते हैं
      आजकल थ्री फेज ट्रांसफार्मर का ही अधिक प्रयोग होता है.

      Usage के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार

      1. Power Transformer

      2. Distribution Transformer

      3. Measurement Transformer

      4. Protection Transformers

      Conclusion:

      दोस्तों आज Post में हमने Transformer के बारे में जाना उम्मीद करता हूँ आपको ये पोस्ट ज़रूरअच्छी लगी होगी। अगर ये पोस्टआपको अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ निचे दिए गए Social Media handle button से ज़रूर share करे।
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      Resistance Kya hai-what is rasistance | type of resistance - Resistance kitne prakaar ke hote hai



      Resistance Kya hai-what is rasistance | type of resistance - Rasistance kitne prakaar ke hote hai

      Hello dosto aaj main apke liye bahot acche jankari leke aaya hun jisse padne k baad aap bahot aasani se samajh sakte ho ki What is resistance (Resistance kya hai)


      Resistance kya hai:

      Rasistance एक electric circuit  में  प्रवाह के विरोध का एक उपाय है।

      रजिस्टेंन्स को ओह्म(Ω) में नापा जाता हैं।  Resistance जो (R)से प्रदर्शित करते है और इसका Symbol नीचे Image में है |
       Resistance kya hai:

                               Resistance kya hai:




      इसलिए प्रतिरोध का प्रयोग  धारा को  कम करने में किया जाता है | रेजिस्टेंस को हिंदी में प्रतिरोध कहते हैं|

       Resistance के प्रकार- Types of resistance

      • कार्बन संरचना Carbon Composition




        Carbon Composition Resistor मुख्य रूप से कार्बन मिट्टी की संरचना से बने होते हैं। एक प्लास्टिक के केस के साथ कवर किया। और इसकी लीड tinned copper की बनी होती है

      • थर्मिस्टर Thermistor :



      ये सामान्य रूप से अर्धचालक सामग्रियों((semi conductor meterial) से बने होते हैं। उनका उपयोग छोटे तापमान परिवर्तनों का पता लगाने के लिए किया जाता है,

      • वायर वाउण्ड रजिस्टेंन्स Wire Wound Resistor :


      Wire Wound Resistor को एक इन्सुलेट कवर के साथ कवर किया गया है| चीनी मिटटी के पदार्थ के रूप में heat resistible materia सामग्री का यह कवर परिवेश के तापमान भिन्नता के प्रभाव का प्रतिरोध करता है।

       


      • कार्बन फिल्म Carbon Film Resistor :