SEO क्या है और कैसे करते है - what is SEO in hindi

दोस्तो आप सब ने कभी न कभी किसी blogger से या कहीं और से SEO word जरूर सुना होगा आखिर ये SEO क्या हैं और क्यू जरूरी हैं, अगर आप अपनी website या blog को Google में रैंक करना चाहते हो तो आपको SEO की knowledge होनी चाहिए। तभी आप Google में रैंक कर पाओगे। क्यू की अगर user Google पर कुछ सर्च करता हैं तो उससे जुड़ी website आपके सामने show होती हैं लेकिन अगर आपकी साइट Google में रैंक ही नहीं हुई होगी तो सर्च में आपकी website Google search में दिखाई नहीं देगी जिस के कारण traffic नहीं आएगा जिस से आपकी earning possible नहीं है। इसलिए अगर आप एक ब्लॉगर है तो आपको SEO kya hai के बारे में पता होना जरूरी है।

seo kya hai

इस ब्लॉग से माध्यम से में आपको basic से लेकर advance तक की सारी जानकारी मिल जाएगी की SEO kya hai | SEO kya hai in hindi (what is SEO in hindi) और ये कैसे काम करता हैं,
तो SEO के बारे में पूरी जानकारी के लिए article को पूरा पढ़िये।


SEO क्या है | what is seo in hindi

जब भी आप अपनी website या blogger में कोई article लिखते हैं, तो उसको Google में रैंक करना होता है, क्यू की जब कोई user कोई ब्लॉग बनाता है, तो वो यही सोच कर बनाता है, की उसके article को ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़ें और उसको फाइदा हो, लेकिन ज्यादा लोग जब ही पढ़ पाएंगे जब article Google मैं रैंक होगा। Google के first page पर रैंक करने के लिए SEO जरूरी है।

इसे और आसान भाषा में समझते हैं, मान लीजिये आपके पास मिठाई की शॉप है, आप मिठाई बनाते हैं, लेकिन उनको खरीदने के लिए कोई customer नहीं आता है, तो आपका मिठाई की shop खोलने का कोई फाइदा नहीं है, ठीक उसी तरह blog पर कोई traffic न आए तो ब्लॉग बनाने का कोई फाइदा नहीं है, इसलिए traffic लाने के लिए हमको SEO करना पड़ता है। आशा करता हूँ की आपको थोड़ा बहुत तो समझ आया होगा की SEO kya hai तो अब SEO से जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में बात करते है।

दोस्तो SEO ही एक ऐसा तरीका हैं जिससे वेबसाइट और आपके article को Google के फर्स्ट पेज पर रैंक कराया जाता है, जिससे आपके blog पर traffic आता है, जिसे आर्गेनिक traffic कहते हैं, अब आप सोच रहे होंगे की ये आर्गेनिक traffic क्या है।

Traffic 2 प्रकार के होते हैं

  • organic traffic
  • in organic traffic

Organic Traffic

आर्गेनिक traffic वह traffic होता है, जिसको अपनी साइट पर लाने के लिए pay करने की आवश्यकता नहीं होती है, मतलब की paid promotion नहीं करना पड़ता है, बल्कि SEO के जरिये हम trafficको अपनी website पर ला सकते है। simple शब्दो में समझे तो organic traffic सिर्फ SEO करने से आता है।

Inorganic Traffic

Inorganic Traffic वह traffic होता है, जिसे लाने के लिए हमको Google ads को pay करना पड़ता है, उसके बाद ही Google हमारे page को रैंक कराता है, जिस से हमारी वेबसाइट या ब्लॉग पर traffic आता है, simple शब्दो में समझे तो inorganic traffic paid promotion से आता है।

SEO की ful form क्या है | what is ful form of SEO

SEO की full form “search engine optimization” है।


Importance of seo in Hindi

Seo kya hai की जानकारी से पहले आपको Importance of seo को समझना बहुत जरूरी है किसी भी topic को internet पर सर्च करने के लिए 80% लोग Google का use करते हैं बाकी 20% लोग other search engine का प्रयोग करते हैं।

Because सबसे ज्यादा traffic Google पर ही होता है, सबसे safe और भरोसेमंद earning Google से ही होती है, Google के एक survey से ये भी clear हुआ है, की Google पर सबसे ज्यादा click Google SERP के first page पर रैंक हुए article होते है।

मतलब ये की अगर किसी user ने कुछ search किया तो Google SERP के पहले page पर जो जो website आ रही होंगी user उन्ही website पर click करेगा जिसेसे आपकी website पर traffic बढ़ेगा इसीलिए SEO भी एक important factor है।

अब आप सोच रहे होंगे की ये Google SERP क्या है।

Google SERP क्या है।

SERP का मतलब होता है, Search Engine Results Page मतलब ये की Google में कुछ search करने पर जो pages show होते हैं वो SERP कहलाता है। जैसा आप Image में देख सकते हैं।

google serp kya hai

SEO benefits for website- SEO के फायदे

आज हम SEO से हमारी website को होने वाले फायदे की बात करें तो वो निम्न हैं।

  • SEO से ही आप अपनी साइट को Google SERP के first page पर रैंक करा सकते हो।
  • SEO करने से ही हमारी website पर traffic बढ़ता है, जो की बहुत जरूरी है, जो हम आगे समझेंगे।
  • SEO से ही आपकी site की authority बढ़ती है, जिस से आपकी website SERP में जल्दी रैंक होती है।
  • SEO करने से user का experience बढ़ता है। क्यू की SEO ही website को user friendly बनाता है।

Type of SEO in Hindi

मुख्यतः SEO तीन प्रकार के होते है।

  • On-Page SEO
  • Off-Page SEO
  • Technical SEO

अपने प्रत्येक article को रैंक करने के लिए इन तीनों SEO पर काम करना बहुत जरूरी है, ताकि आपका article Google के first page पर show हो।

तो चलिए हम एक एक करके तीनों के बारे में विस्तार से बात करते है।

On-Page SEO kya hai

On Page SEO आपके web page ki ranking को बेहतर करने में मदद करता है, On Page SEO में हम अपने content को optimize करते है, या यूं कहे की On Page SEO में हमको SEO friendly article लिखना होता है।

ये सबसे ज्यादा important होता है, क्यूं की content is king और साथ-साथ सभी keyword को भी optimize करना होता है। क्यूं की जितना content important है, उतना ही keywords optimization भी जरूरी है, जिस से आपका content Google में जल्दी रैंक करता है, तो आप समझ गए होंगे on-page SEO kya hai इनके अलावा और भी बहुत सारी activities पर काम करना पड़ता है, जो निम्न प्रकार से हैं, जिनके बारे में हम आपके समझाते है, जिससे आपको On Page SEO और अच्छे से समझ पायें।

Keyword Research

जब भी हम अपने ब्लॉग पर आर्टिकल लिखते हैं, तो उससे पहले हम ऐसे keywords को ढूंढते हैं जिसे Google पर ज्यादा सर्च किया जाता हैं और उस पर रैंक किया जा सके। keyword research on-page-seo का main factor है।

keyword research करना बहुत जरुरी है, क्योंकि बिना keyword research के लिखा गया article रैंक हो भी सकता है, और नहीं भी, जब भी हम article लिखते हैं तो किसी topic पर लिखते हैं और उस topic से related keyword ढूंढते हैं, जिसे Google पर बहुत ज्यादा सर्च लिया जाता हो तभी तो हमारा page Google के first page पर रैंक करेगा, बिना keyword research के ब्लॉग को रैंक करना मुश्किल है।

keyword research में हमको बहुत सी चीज़ें ध्यान रखनी पड़ती हैं, long tail keyword, related keyword, LSI keyword, keyword searches, keyword difficulty.

Keyword के बारे में अधिक जानकारी के लिए पढ़ें: Keyword Kya hai

Title tag seo

हमको अपनी पोस्ट में सबसे पहले पोस्ट का title देना पड़ता है, ताकि user को ये पता चल सके की ये पोस्ट किस बारे में है, हमको title में targeted key word का use करना चाहिए और title maximum 60 character का होना चाहिए, ताकि Google SERP में पूरा title आयें। कोशिश करें की title को clickable बनायें मतलब की title ऐसा हो की user पढ़ते ही उस पर click करें । जिस से आपकी website की Google में ranking भी बढ़ेगी।

जैसे:- मान लीजिये आपके ब्लॉग का title है, online pese kaise kamaye इसकी जगह अगर आप इसको इस प्रकार लिखे की online pese kamane ke 5 tareeke तो आपके ब्लॉग पर user के click करने के chance बढ़ जाते है।

URL structure for SEO

अपनी वेबसाइट में Post का URL ज्यादा लंबा न लिखे कोशिश करें की URL छोटा लिखे, जिस Keyword को आपने अपनी पोस्ट के लिए Target किया है, उस Keyword को अपनी पोस्ट के URL में लिखे, और साथ ही साथ अगर पोस्ट English में हैं तो keyword English में लिखे अगर post हिन्दी में हैं तो URL में keyword hinglish में लिखें, Hindi में URL कभी नहीं लिखना चाहिए, Hindi में लिखे URL को Google में रैंक करना कठिन होता है।

Image Optimization SEO

हमेंशा 100 KB तक की Image use करनी चाहिए, image पर ज्यादा text का use नहीं करना चाहिए, हमेंशा image को अपलोड से पहले इमेंज को अपने computer या mobile image के name से save Karen key word save structure कुछ इस प्रकार से होना चाहिए online-pese-kamane-ke-tareeke. image के name में keyword होना चाहिए sirf hyphen use करना हैं (-) under score use नहीं करना है(_) इमेंज upload करने के बाद ALT Tags लगाए, और alt tag में अपना main key word रखें ।

Internal Linking and External Linking

On Page SEO में Internal Link का भी महत्वपूर्ण स्थान है। Internal Linking से user का experience बढ़ता है, और साथ ही साथ ranking में भी मदद मिलती है, internal linking आप ही के दूसरे blog को आपस में लिंक किया जाता है, ताकि traffic ek page से दूसरे page पर easily move कर सके, जिस से आपके और page भी Google में रैंक हो सके, लेकिन याद रखें internal linking same catogery में होना चाहिए ऐसा नहीं करना हैं की technology के article में cooking की internal linking कर दी, जिससे user समझता हैं की तुमने जबर्दस्ती internal linking की है, और साथ ही साथ आपको external linking भी करनी चाहिए ताकि Google का आप पर trust बढ़े लेकिन ध्यान रहे की external linking same पोस्ट की होनी चाहिए।

जैसे की आपने कोई पोस्ट लिखा keyword क्या है। और आपके किसी दूसरे पोस्ट में भी keyword use हो रहा हैं तो आप इन दोनों post की आपस में internal linking कर सकते है।

Heading Tags

Heading 6 प्रकार की होती हैं H1, H2, H3, H4, H5, H6 आपको हमेंशा heading में keyword use करना चाहिए। पूरे article में H1 सिर्फ एक बार use होनी चाहिए, H1 बार-बार use करना on page SEO के हिसाब से गलत है।

Content writing

Content writing is king for on page SEO आपका article कम से कम 800 word का होना चाहिए, ज्यादा से ज्यादा आप कितना भी लंबा लिख सकते है।

आपके content की starting में keyword से होनी चाहिए first paragraph कम से कम 100 word का हो और उसमें keyword का use होना चाहिए, आपको अपने article में ज्यादा length में paragraph use नहीं करने चाहिए, short paragraph use करने चाहिए, paragraph के end में भी main keyword आना चाहिए।

बीच बीच में आप related keyword का भी use करना चाहिए ज्यादा keyword stuffing नहीं करनी चाहिए, keyword का use बहुत natural तरीके से करना चाहिए। ऐसा न हो की ranking के चक्कर में आप keyword भर दें चाहे वो fit बेठ रहे हो या नहीं, content के end में conclusion (निष्कर्ष ) जरूर लिखना चाहिए।

Meta description

Meta description का Google SERP में विशेष महत्व है, Google SERP में पहले URL show होता है, उसके नीचे title tag फिर meta description.

meta discription seo kya hai


लेकिन Meta description को लिखते समय length पर ध्यान देना चाहिए, meta description 150 word से ज्यादा का नहीं होना चाहिए, Meta description में भी हमको main keyword use करना चाहिए, ताकि Meta description भी Google में रैंक कर सके।

On page SEO में हमको main keyword title me heading में meta description में alt tag में permalink (URL) में article के बीच में सुरू में और लास्ट में use करना चाहिए। और साथ ही साथ related keyword भी use करने चाहिए।

Off Page SEO kya hai

कुछ ऐसे SEO techniques जो हमारी website या blog को Google SERP में रैंक कराने के लिए बाहर से सपोर्ट करती हैं, यही OFF page SEO है।

मतलब ये की हमको off-page SEO में हमको website या blog में कोई changes नहीं करने होते है, सिर्फ external work करना होता है, जैसे backlink, social media, Influencer Marketing, forum posting.

इन सभी techniques के जरिये एक तो Google का trust हमारे blog पर बढ़ता है, और बाहर से traffic आता है, जो की ranking के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए हमको SEO kya hai के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।

तो चलिये एक-एक करके इनके बारे में जानते है।

Back links

इसमें हम अपने competitor से contact करते हैं, और उसको बोलते हैं,back link के लिए फिर उसकी सारी शर्ते मान ने के बाद वो अपनी website में हमारी website का लिंक देता हैं जिसके द्वारा उसके traffic हमारे blog या website par divert हो जाता हैं, जिसे link juice कहते हैं।

social media

हम अपनी साइट या blog को अलग-अलग social media पर share करते हैं, जिस से traffic आपकी blog या website पर आता है।

Influencer Marketing

इस technique में हम एक अच्छी reputation वाली website या social media पेज के throe उसका traffic अपनी साइट पर ल सकते है।

जैसे की हम किसी website या social media पेज से collaboration करके अपना article share कर सकते है, हो सकता हैं आपको इसके charges भी pay करने पड़े।

Forum posting

Forum Off-page SEO की एक बहुत अच्छी technique है, आप अपनी website को Quora, Yahoo answer जैसे platform पर अपनी niche search करके वहाँ पर लोगों के सवालो का जवाब दे सकते हैं, और वह अपनी साइट का लिंक share कर सकते है। लेकिन ध्यान रहे आपको answr काही से copy नहीं करने हैं।

इन सब Off-page SEO technique का use करके हम अपनी साइट पर बाहर से traffic ला सकते है।

Off Page SEO में Backlinks सबसे main fctor है। बिना Backlinks के Off Page SEO बेकार हैं क्यू की वैबसाइट को रैंक कराने के लिए Quality Backlinks बनाना बहुत जरूरी हैं

Technical SEO kya hai

जैसा की नाम से पता चलता हैं की Technical SEO में हमको अपनी साइट के technical functions पर काम करना पड़ता है, तभी हमारी वेबसाइट को Google के crawling में मदद मिलती है, जो हमको करना बहुत जरूरी है।

ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा की अगर हम सिर्फ on page SEO और off page SEO करते रहें, कितना भी अच्छा कंटैंट डाले लेकिन अगर technical SEO पर ध्यान न दे तो हम हमारी website कभी भी Google में रैंक नहीं कर सकते।

लेकिन ये सब setting mostly हमको एक ही बार करनी पड़ती हैं बाद में सिर्फ इन को अपडेट करना पड़ता है।

तो चलिये हम बताते हैं की tecnical SEO में हमको किन किन चेजों पर काम करना पड़ता है।

  • Top label Domain
  • SSL Certificate
  • XML Sitemap
  • txt File
  • Web site theme
  • Website Loading Speed
  • Mobile Friendly theme
  • Schema Markup
  • Fix Broken Link
  • Add Canonical Tag
  • Check Google Search Console

अब हम थोड़ा थोड़ा सब के बारे में जानते है।

Top label Domain

हमेंशा हमको अपनी website के लिए एक Top Level Domain खरीदना चाहिए जैसे .com , .in

आपकी website www. के साथ खुलनी चाहिए।

SSL Certificate

Google ने SSL Certificate को important कर दिया है, अगर किसी के पास SSL Certificate नहीं हैं तो उनकी साइट Google में रैंक नहीं कर सकती।

जब भी हम कोई website open करते हैं तो URL के बगल में एकlock बनकर आता है, उसके बाद https (Hypertext Transfer Protocol Secure) लिखा आता है।

अगर ये सब आता है, तो इसका मतलब है, की आपकी साइट safe है, और SSL Certificate activate है, अगर ऐसा नहीं होता है, तो आप अपने hosting provider से संपर्क करे और SSL certificate का setup कराये ।

XML Sitemap

XML Sitemap का काम आपकी साइट को fast indexing में मदद करना है, न की साईट की ranking को बढ़ाना।

इस XML फ़ाइल में आपके हर article का URL structured होता है, इसलिए हमको XML Sitemap को Google Search Console में submit करना होता है, जिसकी मदद से हमारे articles को Google आसानी से find कर लेता है।

XML Sitemap बनाना बहुत आसान है, आप Sitemap Generator का इस्तेमाल करके sitemap generate कर सकते हैं और उसे Google Search Console में submit कर सकते हैं।

Robots.txt File

Robots.txt एक ऐसी text फ़ाइल हैं जिसके अंदर हमारे सभी pages के URL होते हैं, और साथ ही साथ ये भी mention होता है, की किस Web Pages को Search Engine को Crawl करना है, और किसे नहीं करना है, आप robots.txt file को आसानी से optimize भी कर सकते हैं।

जब भी Google के crawler हमारी website पर आते हैं, तो सबसे पहले वो robots.txt file को रीड करते हैं, जिस से crawler को ये पता चल जाता हैं की Google को किस webpage को Crawl करना हैं, किसको नहीं।

अगर हमारी website पर robots.txt file नहीं होगी तो Google को हमारे वो भी पेज crawl कर देगा जो हम नहीं चाहते थे, और जिनको crawl करना चाहिए था उनको छोड़ देगा।

सर्च इंजन के crawler जब भी वेबसाइट को Crawl करने आते हैं, तो सबसे पहले वह वेबसाइट में Robots.txt File को Check करते हैं, और देखते हैं कि उन्हें वेबसाइट के किस पेज को Crawl करना हैं और किसे नहीं.

Web site theme

हमेंशा website में simple theme का प्रयोग करें, उसको ज्यादा heavy न बनाए, ज्यादा चमकदार न बनाए, जितनी ज्यादा simple theme होगी यूजर experience उतना बेहतर होगा, जिस से आपकी website का bounce rate कम होगा।

Website Loading Speed

website की loading speed भी Technical SEO का important factor है, आपके पास fast internet हैं, लेकिन फिर भी आपका page slow load हो रहा हैं तो user उसके load होने का इंतज़ार नहीं करेगा और back होकर किसी और साइट पर चला जाएगा जिस से आपकी website का bounce rate बढ़ेगा।

क्यू की आपकी website की load speed जितनी अच्छी होगी Google में उतनी जल्दी आपका article रैंक करेगा Google भी इस बारे में पहले ही बोल चुका हैं की आपकी website की load स्पीड ज्यादा से ज्यादा 2.5 sec तक होनी चाहिए।

अगर इससे ज्यादा वक़्त लग रहा हैं तो आपको technically उस पर काम करना पड़ेगा, अगर आप ब्लॉगर use करते हैं, तो आपको hosting लेने की जरूरत नहीं हैं।

लेकिन अगर आप word press use करते हैं तो आपको एक अच्छी hosting लेनी पड़ेगी, Website की Loading Speed चेक करने के लिए आप Google के tool की मदद ले सकते है।

Mobile Friendly theme- mobile seo kya hai

हमारी website की theme मोबाइल friendly होनी चाहिए, क्यू की अब ज्यादा तर लोग computer की अपेक्षा मोबाइल पर search ज्यादा करते हैं, क्यू की वो उनके लिए आसान है। mobile को वो कहीं भी carry कर सकते है, इसलिए जरा सोचिए अगर आपकी theme mobile friendly नहीं हुई तो मोबाइल पर आपकी website अच्छे से नहीं दिखेगी इसलिए अब ये जरूरी हो गया है, की आपकी साइट desktop के साथ साथ mobile पर भी सही से खुलनी चाहिए, क्यू की अब Google के Smartphone के Crawler अलग हैं, जो आपकी साइट को mobile friendly भी चेक करते हैं, और आप खुद भी इसको online tool के माध्यम से चेक कर सकते हो।

अगर आपकी theme mobile friendly नहीं हैं, तो आप किसी और theme का use करके उस theme को mobile friendly बना सकते है।

Schema Markup

Schema markup एक HTML tag है, जिसे website में add करने से website का CTR increase होता है।

Google के Feature snippet और people also ask for और आपके article में जो आपने FAQ add किया है। इन सब को feature करने के लिए Schema markup का use किया जाता है।

Fix Broken Link

कई बार ऐसा होता हैं की किसी कारण से हमको पेज delete करना पड़ता है, तो वो आपकी website से तो डिलीट हो जाता हैं लेकिन वो Google के डाटा base से delete नहीं होता है,Broken links website की ranking के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता हैं, क्यू की Google के crawler अगर आपकी website पर crawling के लिए आते हैं, और अगर उनको Broken Link मिलते हैं, तो Google की नजरों में negative इमेंज बन जाती है, और अगर user Google में कुछ search करके आपकी साइट पर पाहुचता है, और उसको वहाँ 404-error आ जाती है, जिसे broken link कहते हैं।

जिस से user का experience खराब हो जाता हैं, और वो वहाँ से exit होकर किसी और website पर चला जाता है, इसलिए आप उस URL को किसी दूसरे article से replace करें या दूसरे URL पर redirect कर दें।

ऐसे कुछ online tools भी होते हैं जैसे semrush इस tool के द्वारा आप अपनी website को analysis कर के अपनी साइट के Broken links को find करके उनको fix कर सकते है।

Add Canonical Tag

आप सब को ये तो पता ही होगा की duplicate content भी आपकी साइट पर नहीं होना चाहिए, कभी-कभी ऐसा होता है की 2 अलग-अलग URL में same content होता है। और ऐसा तब होता हैं, की जब आपने कोई URL delete कर दिया हैं और वही post दूसरे URL पर डाल दी लेकिन आपका delete किया हुआ URL Google में index हो गया है।

तो Google के crawlers को लगेगा की आपकी साइट पर 2 URL में एक जैसा content है, इन सब समस्याओं से बचने के लिए Add Canonical Tag का use किया जाता है, जिस से Google के crawler main URL को index करते हैं बाकी के duplicate URL को ignore कर देते हैं

Check Google Search Console

website को Google में रैंक कराने के लिए आपको अपनी website Google Search Console में submit करना पड़ेगा क्यू की अगर Google Searc Console में Website submit ही नहीं होगी तो वेबसाइट रैंक भी नहीं हो सकती।

Google Search Console में Website submit इसलिए करते हैं, ताकि आपके page और साइट के बारे में Google को पता चल सके और वो उसको index कर सके।

इसके लिए आपको Google Search Console में एक Option मिल जायेगा जिस से आप अपनी वैबसाइट को easily Request Indexing करके, Indexing के लिए Request Submit करे, और इस option से ये भी check कर सकते हैं, की आपका कोन सा URL Indexing हुआ हैं कोन सा नहीं।

और साथ ही साथ webpage के error भी चेक करके उन्हे fix कर सकते हैं, technical SEO के हिसाब से बहुत जरूरी है। इसके लिए Google Search Console में Page Experience वाले Section में आपको error मिल जाते हैं जिनको read करके fix करना जरूरी है।

वेबसाइट को Google में first page पर रैंक करवाने के लिए हमें उसमें जो Technical factor में implement करना पड़ता हैं जिसे technical SEO कहते हैं।



Frequently asked question on SEO kya hai(FAQs)

◆ SEO क्या है और इसके प्रकार?

जब भी आप अपनी website या blogger में कोई article लिखते हैं, तो उसको Google में रैंक करना होता है, क्यू की जब कोई user कोई ब्लॉग बनाता है, तो यही सोच कर बनाता है, की उसके article को ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़ें और उसको फाइदा हो, लेकिन ज्यादा लोग जब ही पढ़ पाएंगे जब article Google मैं रैंक होगा। Google के first page पर रैंक करने के लिए SEO जरूरी है।

SEO 3 प्रकार की होती है।

1. On-Page SEO
2. Off-Page SEO
3. Technical SEO

◆ SEO का मुख्य उद्देश्य क्या है?

दोस्तो SEO ही एक ऐसा तरीका हैं जिससे वेबसाइट और आपके article को Google के फर्स्ट पेज पर रैंक कराया जाता है, जिससे आपके blog पर traffic आता है, जिसे आर्गेनिक traffic कहते हैं, और भी निम्न उद्देश्य हैं।

  • साइट को Google SERP के first page पर रैंक कराना।
  • SEO से site की authority बढ़ती है,
  • SEO करने से user का experience बढ़ता है। क्यू की SEO ही website को user friendly बनाता है।

◆ क्या मैं अपना खुद का SEO कर सकता हूं?

जी हाँ बिलकुल अगर आपको SEO की basic knowledge है तो आप खुद SEO कर सकते है। ज़्यादातर blogger खुद ही SEO करते है। बस आपको SEO की knowledge होनी चाहिए। जो आप youtube और blogs से आसानी से मिल सकती है। वैसे मार्केट मे SEO professionals भी होते है आप उनको भी hire कर सकते हैं।

◆ is seo फ्री

अगर हम कहें की SEO फ्री है तो ऐसा 100% नहीं है SEO का कुछ भाग free होता है कुछ paid जैसे की on-page seo फ्री होता है जिसको करने के लिए आपको SEO की knowledge होनी चाहिए। अब बात करते है Off-page seo की तो paid promotion में पैसा खर्चा करना पड़ता है।
Technical SEO मे आपको professional theme खरीदनी लड़ती है। जिसके लिए आपको पैसा खर्चा करना पड़ता है इसलिए 100% free नहीं है।


Conclusion

दोस्तों आज इस में हमने जाना की SEO kya hai | SEO kya hai in hindi (what is SEO in hindi) और साथ ही ये भी जाना की gogole में अपने article को रैंक करने के लिए SEO कितना जरूरी हैं।

SEO ही हैं जिसेके द्वारा आप अपने article को top 5 में रैंक करा सकते हैं, उम्मीद करता हूँ आपको ये पोस्ट जरूर अच्छी लगी होगी। अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ निचे दिए गए social media handle button से ज़रूर share करें। दोस्तों हमारे द्वारा दी गयी जानकारी में यदि कोई कमी हो या आपका कोई बेहतर सुझाव हो तो हमको कमेंट बॉक्स जरूर बताएं की आपको ये दी गई जानकारी कैसी लगी धन्यवाद।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please do not enter any spam link in the comment box.