solar panel kya hai | सोलर पैनल क्या है | aur kese kaam karta hai

 

  Solar panel kya hota hai Hello dosto aaj main aapke liye bahut acchi jaankari lekar aaya hu jisse padne ke baad aap acche se samajh jayenge ki Solar panel kya hota hai. Solar panel बहुत सरे cells से मिलकर बनता है ये सूर्य की रौशनी को Electricity ने बदलने का काम करता है आज बहुत सी जगह पर इन सोलर पैनल का प्रयोग किया जा रहा है। अब तो भारत सरकार भी solar plants लगाने जा रही है जिससे कम खर्चे में बिजली मिल सकती है और पर्यावरण भी प्रदूषण मुक्त होगा।


Relay kya hoti hai aur kese kaam karti hai aur prakaar

relay kya hoti hai aur kese kaam karti hai Hello dosto aaj main aapke liye bahut acchi jaankari lekar aaya hu jisse padne ke baad aap acche se samajh jayenge ki relay kya hoti hai 
Relay एक स्विच की तरह काम करता है। जिसका काम Electronic and electromechanic के रूप में Circuit को on off करना होता है
relay kya hoti hai aur kese kaam karti hai
Relay kya hoti hai aur kese kaam karti hai

Lathe machine kise kehte hai | लेथ मशीन किसे कहते है।

Hello dosto aaj main aapke liye bahut acchi jaankari lekar aaya hu jisse padne ke baad aap acche se samajh jayenge ki

Lathe machine kise kahte hai uske parts aur operations Lathe machine ko Turning Machine bhi kaha jata hai. Mostly ye machine turning me hi kaam aati hai. 

Lathe machine kise kahte hai uske parts aur operations
Lathe machine kise kahte hai uske parts aur operations

Gear kya hota hai uske prakar aur upyog | गियर क्या है और उपयोग



Gear kya hota hai | uske prakar aur upyog Hello dosto aaj main aapke liye bahut acchi jaankari lekar aaya hu jisse padne ke baad aap acche se samajh jayenge ki Gear kya hota hai uske prakar aur upyog
गियर एक मशीन का ऐसा पुर्जा होता है. जो बेलनाकार का शंकु के आकर का होता है जिस पर बराबर की पर  दांते कटे होते है। इसका प्रयोग Rotation और Forces को Transmit करने के लिए किया जाता है गियर को 2 shafts के द्वारा घुमाया जाता है। जिसमे एक Driving shaft और एक Driven shaft होती है।  
Gear kya hota hai | uske prakar aur upyog
Gear kya hota hai uske prakar aur upyog

Science में हम बोल सकते है की गियर एक मशीन है। जो force और Speed को transmitt करता है । आपने देखा होगा की साइकिल में हम पेडल मारते है। और वो चलने लगती है उसमे भी गियर होता है। जो एक चैन से कनेक्ट होता है। आप मोटर साइकिल या कार में भी गियर होता है जब हम गियर बदलते है तो स्पीड बढ़ जाती है। यही force transmit कहलाता है। यहाँ तक की बड़ी बड़ी Machines को चलाने में भी गियर बहुत मददगार होता है।





    Driving shaft aur driven shaft kya hoti hai

    Jo main shaft hoti hai driving shaft kehlati hai. aur jo main shaft jis shaft ko ghumati hai wo Driven shaft kehlati hai. 
    aapne jana Gear kya hota hai uske prakar aur upyog

    Gear ke faayde

    Gear me hamko Hi level ki accuracy milti hai. Gear me friction nahi hota. Gear me Power Transmission me energy ka nuksaan nahi hota.
    आपने देखा होगा आटा चक्की में मोटर और चक्की  के बीच में एक बेल्ट होती ही जो चक्की को घुमाती है। और टुबेल में भी पंप और मोटर के बीच बेल्ट होती ही ये बेल्ट भी  power transmit करने का काम करती है लेकिन इसमें पावर का Loss बहुत होता है। इसलिए हम गियर्स का उसे करते है इसमें Looses न के बराबर होता है।

    Power Transmission और motion Transmission ki wajah se gears industries में बहुत ज्यादा उपयोग की जाती है

    Isliye ham अपनी जरूरत के हिसाब से अलग – अलग जगह पर अलग – अलग प्रकार के Gears ka use karte hai.

    कार और मोटर साइकिल में गियर के द्वारा ही इंजन की Power का Use किया जाता है।और अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिये Gear kya hota hai uske prakar aur upyog

    Gear kitne prakaar ke hote hai

    मुख्यतः Gear 6 प्रकार के होते है।
    • Spur gear
    • Helical gear
    • Rack and pinion
    • Bevel gear
    • Miter gear Worm gear and worm

    Spur Gear

    Spur Gear
    Spur Gear
    दो समानांतर शाफ्ट के बीच power transmit करने के लिए Use किया जाता है। जब driving shaft और driven shaft एक दूसरे के समानांतर हो तो इन शाफ्ट के बीच power transmit करने के लिए Use किया जाता है। driving shaft और driven shaft इन दोनों गियर पर दांत सीधे और समान्तर कटे हुए होते हैं। और वे दोनों गियर आपस में जुड़े होते है।

    Spur Gear को हम कम Power Transmit के लिए और बहुत कम Speed के लिए ही Use करते है।
    Spur gear का Use clocks, pump, water systems, material handling equipment  आदि में Use लिया जाता है। बहुत सारे spur gear को मिलकर बहुत ज्यादा Gear reduction के लिए Use किया जाता है जिसे हम Power Train कहते है
    ।  अब आपने जाना Spur

    Helical Gear

    Helical Gear
    Helical Gear
    Helical gear Spur Gear की तरह होते है। लेकिन इस प्रकार के Gear में दांते Spur Gear की तरह नहीं बल्कि एक Angle पर कटे होते है जिस angle पर दांते कटे होते है उसे Helix Angle कहते है Spur gear की तुलना helical gear में teeth meshup ज्यादा अच्छा होता है। ये चलते वक़्त ज्यादा आवाज नहीं करते। और ये spur gear से ज्यादा load transmit कर सकते है। helical gear high speed के लिए ज्यादा Use किये जाते है। आप पढ़ रहे हैं। Gear kya hota hai uske prakar aur upyog Helical Gears दो प्रकार के होते हैं।
    • Right hand Helical Gear
    • Left hand Helical Gear

    Rack and pinion gear

    Rack एक प्रकार की फ्लैट बार होती है जिस पर Spur gear की तरह लेकिन सीधे दांते कटे होते है। इन्ही दांतों को गियर रैक कहा जाता है। इस रैक के ऊपर एक Circular gear को मिलाकर चलाया जाता है।
    इसका Use rotational motion को linear motion में change करने के लिए किया जाता है जो Circular gear होता है। उसे pinion कहते है। 
    Rack and pinion मिलिंग मशीन के टेबल मे, car की steering में भी इसका Use किया जाता है। 
    Rack and pinion gear

    Bevel Gear

    जब driving shaft और driven shaft एक दूसरे के साथ 900 के Angle पर होते है तो Bevel Gear का Use किया जाता है। मतलब ये की जब हमको 900 पर Power transmitt करनी हो तब इस gear का Use किया जाता है। ये है। Gear kya hota hai uske prakar aur upyog
    Bevel Gear
    Bevel Gear
     
    Bevel gears तीन प्रकार के होते हैं।  
    • Straight Bevel gear
    • Zero Bevel gear
    • Helical Bevel gear
    Bevel gears का उपयोग Hand drill, locomotives, power plants आदि में इसका Use किया जाता है।

    Miter gear

    Mitter Gears और bevel gears लगभग एक जैसी होती है। driving shaft और driven shaft दोनों पर Teeth की संख्या same होती है। 
    Mitter Gears
    Mitter Gears

     इनका उपयोग बिना speed बदले Direction बदलने के लिए किया जाता है। 
    MITTER GEARS दो प्रकार के होते है।
    • Straight miter gears
    • Spiral miter gears

    Worm gear and worm

    Worm एक रॉड की shape में होता है। जिस पर हेलिकल रूप में चूड़ियां बनी होती है। जिसको एक गियर के साथ मैश कर दिया जाता है। जिसे Worm Gear कहते है। आमतौर पर Worm gear एक hard material का बना होता है। और Worm wheel soft material का बना होता हैयह स्पीड ratio को कम करने के लिए काम आता है। चलते वक़्त इसकी आवाज़ भी बाकि गियर्स के मुकाबले कम होती है।
    Also read: mcb kya hoti hai kaise kaam karti hai
    Also read: capacitor kya hota hai and types

    इनका Use Non inter setting में Power को Transmitt करने के लिए किया जाता है। 
    Worm gear and worm
    Worm gear and worm


    इसमें Worm को घुमाने से Worm gear घूमती है इस प्रकार worm को घुमा कर गति को Cross में Transmitt किया जाता हैं।


    ये मुख्य 6 प्रकार के गियर थे अलग अलग अक्षो में पॉवर ट्रांसमिट करने के लिए Use किये जाते है कई और types of gears भी होते है जो मशीन में पॉवर ट्रांसमिट करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं।

    Conclusion

    दोस्तों आज post में हमने Gears के बारे में जाना में आशा करता हूँ। आप लोगों को Gear kya hota hai uske prakar aur upyog के बारे में समझ आ गया होगा।
    उम्मीद करता हूँ आपको ये पोस्ट ज़रूरअच्छी लगी होगी। अगर ये पोस्टआपको अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ निचे दिए गए social media handle button से ज़रूर share करे।

    दोस्तों हमारे द्वारा दी गयी पोस्ट में हमसे कोई भी कमी हुई हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमे comment करके ज़रूर बताये और ये भी बताये की आपको

    Gear kya hota hai uske prakar aur upyog के बारे में दी गई जानकारी कैसी लगी धन्यवाद।

    mcb kya hoti hai kaise kaam karti hai - MCB क्या होती है कैसे काम करती है।

     

    mcb kya hoti hai kaise kaam karti hai, Full form, uske prakaar,MCCB :- Hello dosto aaj main aapke liye bahut acchi jaankari lekar aaya hu jisse padne ke baad aap acche se samajh jayenge ki mcb kya hoti hai kaise kaam karti

    इसका मतलब ये है की जब MCB (Miniature Circuit Breaker) किसी सर्किट से जुडी होती है तो जब सर्किट में जाने वाली लाइट MCB (Miniature Circuit Breaker) की सेट वैल्यू से ज्यादा हो तो MCB (Miniature Circuit Breaker) अपने आप बंद हो जाती है। Chaliye ab ham vistaar se jaante hai ki MCB kya hoti hai kaise kaam kartihai.

     

    mcb kya hoti hai kaise kaam karti hai
    Mcb kya hoti hai kaise kaam karti hai

      capacitor kya hota hai and types | कपैसिटर क्या होता है ? उसका कार्य और प्रकार

      Capacitor kya hota hai and types:Hello dosto aaj main aapke liye bahut acchi jaankari lekar aaya hu jisse padne ke baad aap acche se samajh jayenge ki capacitor kya hota hai kese kaam karta hai aur kitne prakaar ke hote hai.
      Capacitor एक इलेक्ट्रिक स्टोरेज डिवाइस के रूप में कार्य करता है।

      Capacitor को कुछ लोग “Condenser” भी कहते है।


        Capacitor kya hota hai and types:-

        कैपेसिटर में दो Conductor Plates होती है जिनके दोनों के बीच डाई Insulator Material लगाया जाता है जिससे यह प्लेट अलग हो जाती है। जिसमें से एक प्लेट पर पॉजिटिव चार्ज होता है। और दूसरी पर नेगेटिव चार्ज होता है। दोनों Conductors को metal की पतली rod से जोड़ा जाता है।
        Capacitor kya hota hai and types | कपैसिटर क्या होता है ? उसका कार्य और प्रकार
        capacitor kya hota hai and types | कपैसिटर क्या होता है ? उसका कार्य और प्रकार
        जब कैपेसिटर को किसी Power source के साथ में जोड़ दिया जाता है। और इसमें इन् दो प्लेटो के माध्यम से इलेक्ट्रिसिटी स्टोर हो जाती है। और यह इलेक्ट्रिसिटी आवश्यकता होने पर स्टोर इलेक्ट्रिसिटी को Use भी किया जा सकता है। आशा करता हु आप समझ गए होंगे Capacitor kya hota hai and types इमेज के कपैसिटर का Symble दिया गया है।

        Symble of capacitor
        Symble of capacitor


        कैपेसिटेंस को मापने की इकाई Farad (F) है।

        Capacitor ki capacitance- कपैसिटर की कपसिटेन्स क्या होती है।:-


        कैपेसिटेंस एक कपैसिटर की इलेक्ट्रिक चार्ज की क्षमता का माप है। जिस को फैराडे में मापा जाता है। ( ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी माइकल फैराडे के नाम पर फैराड (एफ को संक्षिप्त) किया जा रहा है। ) कपैसिटर की दो प्लेटों के बीच का Ratio (Capacitance) कहलाता है। कैपेसिटर में One Farad की Capacitance होती है। जब One Colam का Electric charge प्लेटों पर One Volte के द्वारा दिया जाता है।

        Capacitance को “C” से Denote किया जाता है। C हमेशा positive होता है और इसकी कोई negetive इकाई नहीं होती है।
        आप पढ़ रहे है capacitor kya hota hai and types
        उदाहरण के लिए, फैराड का उपयोग आमतौर पर Micro farad, Neno farad और pico farad के रूप में किया जाता है।

        Capacitance ka formula कुछ इस प्रकार है


        C = Q/V

        C – कैपेसिटर की धारिता जिसका मात्रक F होता है।
        Q – विद्युत आवेश जिसको कुलाम में मापा जाता है।
        V – विभवांतर या Voltage, दो प्लेटो के मध्य का Potential Difference


        Must read: TRANSFORMER IN HINDI | What is TRANSFORMER | TRANSFORMER क्या है

        Capacitor ki banawat - कैपेसिटर की बनावट :-

        कैपेसिटर में दो Conductor Plates होती है। जिनके बीच समानांतर दूरी रखी जाती है। जिनके दोनों के बीच डाई Insulator material लगाया जाता है। जिससे यह प्लेट अलग हो जाती है। प्लेट्स बेलनाकार, गोलाकार इत्यादि आकार में होती है। जिसमें से एक प्लेट पर पॉजिटिव चार्ज होता है। और दूसरी पर नेगेटिव चार्ज होता है।

        Capacitor ki banawat-कैपेसिटर की बनावट
        Capacitor ki banawat-कैपेसिटर की बनावट


        Capacitor ke prakaar-कैपेसिटर के प्रकार:-

        1. Fixed Capacitor
        2. Variable Capacitor
        3. Polarized Capacitor
        4. Non Polarized Capacitor

         
        Capacitor ke prakaar-कैपेसिटर के प्रकार
        Capacitor ke prakaar-कैपेसिटर के प्रकार


        Fixed Capacitor - ( फिक्स्ड कैपेसिटर ) :-

        इस प्रकार के capacitor में electric charge storage capacity फिक्स होती है। इसको घटा और बढ़ा नही सकते है।
        फिक्स्ड कैपेसिटर पांच प्रकार के होते हैं।



        1. Paper Capacitors
        2. Plastic Capacitors
        3. Ceramic Capacitors
        4. Mica Capacitors
        5. Electrolytic Capacitors



        Variable Capacitors - ( वेरिएबल कपैसिटर ):-

        इस प्रकार के कैपेसिटर का Electric Charge का मान घटाया और बढ़ाया जा सकता है। इसका मान हम physically या electrically moves के द्वारा घटा बढ़ा सकते है।
        ये चार प्रकार के होते है।
        1. Tuning
        2. Trimmer
        3. Mechanical
        4. Electronic

        Polarized Capacitor - ( पोलरीज़ेड कपैसिटर ):-

        इस प्रकार के कैपेसिटर में Positive और Negative दोनों प्रकार के टर्मिनल होते है। Capacitor का Use करने से पहले पॉजिटिव और नेगेटिव points का ध्यान रखना जरुरी है।

        Non Polarized Capacitor - ( नॉन पोलरीज़ेड कपैसिटर ):-

        इस प्रकार के कैपेसिटर में Positive और Negative टर्मिनल नही होते है। electrical circuit में इसे कैसे भी लगा सकते है।

        अब तक आपने पढा capacitor kya hota hai and types अब हम ये जानते है की ये कहा use होते है|

        कैमरा के Flash Light में भी Capacitor का उपयोग होता है।
        Capacitors का इस्तमाल charge को store करने के लिए होता है।
        Capacitor DC सप्लाई को block कर सकते हैं. और यह AC सप्लाई को Flow करता है इसलिए Capacitor का इस्तेमाल AC और DC दोनों प्रकार के करंट में किया जाता है।
        ज्यादातर सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में कैपेसिटर का उपयोग होता है।
        पंखे में भी Capacitor लगा होता है। जो पंखे की स्पीड बढ़ाता है।

        Conclusion :-

        दोस्तों आज post में हमने Capacitor के बारे में जाना में आशा करता हूँ। आप लोगों को capacitor kya hota hai and types के बारे में समझ आ गया होगा। अगर आपको ये जानना है की कपैसिटर को कैसे चेक करते है तो आप हमें कमेंट कीजिये में जरूर आपको बताने की कोशिश करूँगा।
        उम्मीद करता हूँ आपको ये पोस्ट ज़रूरअच्छी लगी होगी। अगर ये पोस्टआपको अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ निचे दिए गए social media handle button से ज़रूर share करे।

        दोस्तों हमारे द्वारा दी गयी पोस्ट में हमसे कोई भी कमी हुई हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमे comment करके ज़रूर बताये और ये भी बताये की आपको capacitor kya hota hai and types के बारे में दी गई जानकारी कैसी लगी धन्यवाद।

        बैटरी क्या है? सम्पूर्ण जानकारी [2023] - What Is Battery In Hindi

        बैटरी कितने प्रकार की होती है, कैसे काम करती है, बनाने में क्या क्या लगता है,  (battery kya hai, what is battery in hindi, kise kahate hain)

        आज कल विद्युत ऊर्जा का प्रयोग हर  क्षेत्र में  होता है, मानव जाती के लिए विद्युत ऊर्जा बहुत अहम जरूरत बन गई है, जैसे व्यक्ति हवा और भोजन के बिना नहीं रह सकता, ठीक वेसे ही विद्युत ऊर्जा के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। 

        बैटरी भी विद्युत ऊर्जा का श्रोत है, बैटरी DC करेंट देती है, इसलिए बैटरी का प्रयोग उन जगहो पर किया जाता है जहाँ पर AC करेंट न होने पर भी उपकरण को प्रयोग में लाया जा सके जैसे 4 पहिया वाहनो में लाइट के लिए और उनको स्टार्ट करने के लिए, ट्रेन के डिब्बो में, और हमारे घर मे बहुत से उपकरणो में भी बैटरी का प्रयोग किया जाता है, घरों में इन्वर्टर के माध्यम से बैटरी के DC करेंट को AC की बदल कर घरेलू विद्युत उपकरणो को प्रयोग में लाया जाता है।   

        पहले के अपेक्षा आज के समय के बैटरी ने बहुत तरक्की की है। तो आज हम बैटरी के बारे में बात करते है की बैटरी क्या है या बैटरी किसे कहते है, बैटरी का इतिहास आविस्कार आदि के बारे में जान ने की कोशिश करेंगे।

          बैटरी क्या है -battery in Hindi

           बैटरी ऊर्जा का एक बहुत अच्छा श्रोत है, जो एक या एक से अधिक सेल से मिलकर बनाई जाती है, फिर उन सेलों के अंदर ऊर्जा प्रवाहित की जाती है, जिस से उनके सेलों में एल्क्ट्रो केमिकल रिएक्शन होता है, जो केमिकल एनर्जि को इलैक्ट्रिकल एनर्जि मे बदल कर उस एनर्जि को स्टोर कर लेते हैं, जिसे हम जरूरत पड़ने पर उस एनर्जि को प्रयोग कर लेते है। बैटरी के हर सेल में दो प्रकार की प्लेट मौजूद होती हैं जिन्हे Cathode और Anode कहा जाता है।